26 मई को चलो देव डूंगरी – गुर्जर समाज का भविष्य तय होगा!
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यह कोई साधारण बैठक नहीं है, बल्कि गुर्जर समाज के सामाजिक सुधार और नशा मुक्ति के ऐतिहासिक महाअभियान की निर्णायक घड़ी है।
अब या कभी नहीं — या तो समाज को बदलो, या फिर इतिहास खुद को बदल देगा।
अब तक हम हर बार जाजम पर एकजुट तो हुए, लेकिन परिणाम अधूरे रह गए।
इस बार लड़ाई सिर्फ भाषणों की नहीं – यह “करो या मरो” की स्थिति है।
अगर अब ठोस और स्थायी समाधान नहीं निकला, तो अगली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी।
यदि आज चुप रहे तो कल हमारे ही बच्चे दूसरों की गुलामी करेंगे।
जो समाज नेतृत्व करने लायक था, वह मजदूरी की ओर बढ़ जाएगा।
आप खुद को कोसेंगे – “काश मैंने उस दिन हिम्मत दिखाई होती!”
समाज सुधार के लिए कुछ ठोस सुझाव – खिवराज गुर्जर (करमावास पट्टा) की ओर से:
नशा पूरी तरह बंद हो – हर गांव, शहर और समारोह में।
- मृत्यु भोज और गंगा प्रसादी समाप्त हो – सिर्फ पुष्पांजलि और मंदिर दर्शन।
- दाह संस्कार के समय कपड़ों की बर्बादी बंद हो – धर्मपुण्य पर फोकस।
- दहेज के स्थान पर बेटियों को व्यावसायिक शिक्षा – आत्मनिर्भर बनाएं।
- हर सामाजिक आयोजन में ₹5100 या ₹11000 शिक्षा कोष में जमा कराना अनिवार्य।
- हर गांव/शहर में शिक्षा समिति बने – छठ पर्व पर ₹500-₹500 शिक्षा दान हो।
- हर तहसील मुख्यालय पर छात्रावास स्थापित किया जाए।
- हर साल जिला स्तर पर प्रतिभा सम्मान समारोह हो।
- गुर्जर समाज के प्रमुख मंदिरों पर शहीद स्मारक बनवाए जाएं।
यह आंदोलन सिर्फ आज के लिए नहीं – आने वाली पीढ़ियों की भलाई के लिए है।
जो नशे से बर्बाद हुए परिवार हैं – उनके आँसू हमें श्राप देंगे अगर हमने कुछ नहीं किया।
आपका सेवक:
खिवराज गुर्जर, करमावास पट्टा
प्रस्तुतकर्ता:
DSV FAST NEWS
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